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Location: San Diego, California, United States

Like a particularly notorious child's tantrums, a mountaneous river's intemperance, a volcano's reckless carelessness and the dreamy eyes of a caged bird, imagination tries to fly unfettered. Hesitant as she takes those first steps, she sculpts those ambitious yet half baked earthen pots.

Thursday, September 07, 2006

Ramdhari Singh Dinkar

धुँधली हुई दिशाएँ, छाने लगा कुहासा,
कुचली हुई शिखा से आने लगा धुआँसा।
कोई मुझे बता दे, क्या आज हो रहा है,
मुंह को छिपा तिमिर में क्यों तेज सो रहा है?
दाता पुकार मेरी, संदीप्ति को जिला दे,
बुझती हुई शिखा को संजीवनी पिला दे।
प्यारे स्वदेश के हित अँगार माँगता हूँ।
चढ़ती जवानियों का श्रृंगार मांगता हूँ।

बेचैन हैं हवाएँ, सब ओर बेकली है,
कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली है?
मँझदार है, भँवर है या पास है किनारा?
यह नाश आ रहा है या सौभाग्य का सितारा?
आकाश पर अनल से लिख दे अदृष्ट मेरा,
भगवान, इस तरी को भरमा न दे अँधेरा।
तमवेधिनी किरण का संधान माँगता हूँ।
ध्रुव की कठिन घड़ी में, पहचान माँगता हूँ।

आगे पहाड़ को पा धारा रुकी हुई है,
बलपुंज केसरी की ग्रीवा झुकी हुई है,
अग्निस्फुलिंग रज का, बुझ डेर हो रहा है,
है रो रही जवानी, अँधेर हो रहा है!
निर्वाक है हिमालय, गंगा डरी हुई है,
निस्तब्धता निशा की दिन में भरी हुई है।
पंचास्यनाद भीषण, विकराल माँगता हूँ।
जड़ताविनाश को फिर भूचाल माँगता हूँ।

मन की बंधी उमंगें असहाय जल रही है,
अरमानआरज़ू की लाशें निकल रही हैं।
भीगीखुशी पलों में रातें गुज़ारते हैं,
सोती वसुन्धरा जब तुझको पुकारते हैं,
इनके लिये कहीं से निर्भीक तेज ला दे,
पिघले हुए अनल का इनको अमृत पिला दे।
उन्माद, बेकली का उत्थान माँगता हूँ।
विस्फोट माँगता हूँ, तूफान माँगता हूँ।

आँसूभरे दृगों में चिनगारियाँ सजा दे,
मेरे शमशान में आ श्रंगी जरा बजा दे।
फिर एक तीर सीनों के आरपार कर दे,
हिमशीत प्राण में फिर अंगार स्वच्छ भर दे।
आमर्ष को जगाने वाली शिखा नयी दे,
अनुभूतियाँ हृदय में दाता, अनलमयी दे।
विष का सदा लहू में संचार माँगता हूँ।
बेचैन ज़िन्दगी का मैं प्यार माँगता हूँ।

ठहरी हुई तरी को ठोकर लगा चला दे,
जो राह हो हमारी उसपर दिया जला दे।
गति में प्रभंजनों का आवेग फिर सबल दे,
इस जाँच की घड़ी में निष्ठा कड़ी, अचल दे।
हम दे चुके लहु हैं, तू देवता विभा दे,
अपने अनलविशिख से आकाश जगमगा दे।
प्यारे स्वदेश के हित वरदान माँगता हूँ।
तेरी दया विपद् में भगवान माँगता हूँ।

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3 Comments:

Blogger Ankit said...

jahan tak main jaanta hoon... kesari hanumaan ko kehete the... to balpunj kesari ka matlab hai veer, balshali hanumaan... shaayad is line mein koi religious reference ho...

अग्निस्फुलिंग रज ka ishaara shaayad desh ke purushaarth ki taraf hai (रज=मिट्टी का अग्निस्फुलित + लिंग)... in essence, desh ke youth ke josh ki or ishara hai...

अनलविशिख ka exact matlab nahin samajh mein aa raha lekin अनल ka matlab to aag hota hai... vishikh ka kya hota hai ?

3:27 PM  
Blogger kowsik said...

kesari was Hanumaan's father name because he could kill lions (which is what the word originally denotes)

raj: considering the context, my guess is that this is related to "rajah gun" and hence must be about creating wealth/prosperity

3:22 PM  
Blogger Bhaskar Singh said...

Meanings:
संदीप्ति – प्रकाश, उजाला, lumniscence
बेकली – बेचैनी, व्याकुलता, restlessness
तरी – नमी, तरावट, गिला, स्थिर पानी जैसा
अदृष्ट - भाग्य, संपत्ति, तक़दीर, fortune
संधान करना – खोजना, ढूँढना, search
ध्रुव – निश्चित, दृढ, decided
ग्रीवा – गर्दन, गला, neck
केसरी – सिंह, शेर
पुंज – गुच्छा, ढेर, bunch
रज -मिट्टी, धूलि, dust
श्रंगी – बजानेवाला सिंगी बाजा,
सिंगी - सींग का बना हुआ एक प्रकार का बाजा जो मुँह से फूँककर बजाया जाता है, तुरही
आमर्ष – क्रोध, असहनशीलता
प्रभंजन - अच्छी या पूरी तरह से तोड़ने-फोड़ने और नष्ट करने की क्रिया या भाव। २. रोकना या निवारण करना। ३. हराना। पराजित करना।
अनल + विशिख = प्रचंड आग

7:39 PM  

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